ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
दिखती हैं लाशों पर लाशें,
एक पल को मेरा दिल रो जाता है,
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
पहले ही क्या कम उथल-पुथल थी मची हुई?
पर कमसकम अम्मी की जान भी थी बची हुई,
शहर ढह गया, घर बर्बाद,
अब और क्या करना चाहता है,
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
क्या तेरे दिल में रहम नाम की चीज़ है या नहीं बता?
कौन वक़्त में, किस पल में, कैसी हमनें की जो ख़ता,
ऐसे दीवानों सा क्या गुस्सा,
क्यों इतना हमें सताता है?
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
नहीं चाहिए लोकतंत्र,
बस जान बक्श दो काफ़ी है,
हाथ कट गए, सो सर झुकाकर,
माँग रहे हम माफ़ी हैं,
वही करेंगे करवाएंगे,
जो तू हमें बताता है,
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
मदद करते-करते हमारी,
हममें आतंकवादी जोड़ दिए,
लूटा-पीटा जमकर हमको,
घर-बार हमारे तोड़ दिए,
क्या बाहरवालों को ये सब,
कोई नहीं बताता है?
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
ये खाना-पानी बाँटने वाले,
मेरी बहन को क्यों ले जाते हैं?
ये कैसी मदद है जो ,
सिर्फ उसको ही कर पाते हैं?
इन सवालों का जवाब,
न जाने कोई नहीं बताता है,
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
अभी काट दो गला मेरा,
मैं तड़प-तड़प मर जाउँगा,
पर याद रहे जाकर खुदा को,
सारा सच बतलाउँगा,
की कौन मारता है मासूम
और कौन उन्हें बचाता है,
ऐ आसमान के मालिक,
क्यों आसमान से यूं गोले बरसाता है?
Bhai dil pe lagi
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Dhanyawaad sir…
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Bhai sir nhi hu I m just 22
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And m about to be 22
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👍
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Lajwaab bhaiya🙏🏼🙏🏼
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Thanks bhai
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Sach insaniyat mit raha hai…..
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Sach much
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Nice one
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Thanks
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Comprehensive and truth line….nice partha….keep it up bro!!!!!
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Thanks tulsi bhai
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बहुत खूब
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